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जम्मू-कश्मीर की पहली महिला जज बनीं भावना, ऐसे कायम की मिसाल

टीम Her Circle |  अप्रैल 18, 2024

महिलाएं हमेशा से अपनी ऊंची उड़ान की रफ्तार को दिखाती रही हैं। इस बार फिर से एक बेटी ने मिसाल कायम करते हुए खुद को पहली महिला जज के खिताब से नवाज दिया है। जम्मू कश्मीर के राजौरी की रहने वाली भावना केसर ने अपने सपनों को पूरा करते हुए पहली महिला होने का खिताब पा लिया है। एक लड़की के जीवन में शिक्षा का सबसे बड़ा योगदान होता है, फिर चाहे वह किसी ऑफिस में बैठक कर ऑफिसर की कुर्सी संभाले या फिर घर के कामों के बीच रहकर मनी मैनेजमेंट करे, ठीक इसी तरह समाज में अपनी अहमियत को भावना केसर ने बढ़ाया है। आइए जानते हैं विस्तार से।

सिविल सेवा की परीक्षा की पास

जम्मू कश्मीर में भावना केसर के पिता दर्जी का कार्य करते हैं। भावना केसर ने हाल ही में सिविल सेवा यानी कि न्यायिक परीक्षा दी और उन्होंने इस परीक्षा में उत्तीर्ण होकर खुद को राजौली जिले की पहली महिला बना दिया है। भावना के लिए यहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था। मध्यम वर्गीय परिवार में पली भावना के पिता दर्जी की दुकान चलाते हैं। माता और पिता ने साथ में मिलकर अपनी बेटी के पढ़ाई पूरी करने के सपने को पूरा किया। 

सपने देखने से डरे नहीं

स्कूली शिक्षा लेने के बाद भावना ने पंजाब यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। सिविल सेवा की परीक्षा पास करना उनका सपना था, जिसे उन्होंने अपने प्रतिदिन के प्रयास और कड़ी मेहनत से पूरा किया। भावना का मानना है कि हर किसी को सपने देखने चाहिए और फिर चाहे कुछ भी हो जाए, सपनों का दामन कभी-भी नहीं छोड़ना चाहिए। अगर कोई किसी काम में अपना मन लगाता है, तो सब कुछ आसान होता है। ज्ञात हो कि सिविल परीक्षा पास होने के बाद उनका चयन पहले जम्मू हाई कोर्ट में रीडर के पद पर हुआ। लेकिन फिर उन्होंने जज बनने के लिए आवेदन किया और उनका चयन हो गया।

आर्थित तंगी में नहीं खोया हौसला

भावना का मानना है कि परिवार के साथ और पढ़ाई के प्रति अपने समर्पण के कारण ही, उन्होंने सफलता हासिल की है। भावना के पिता ने कभी-भी आर्थिक परेशानी को बेटी के पढ़ाई के सामने नहीं आने दिया। कई बार ऐसा मौका भी आया है, जब घर के आर्थिक हालात और पिता पर पड़े हुए जिम्मेदारी के बोझ को संभालने के लिए सिलाई के काम में भी लग जाती थी। 

शिक्षा महिलाओं के लिए जरूरी

भावना का मानना है कि सभी लड़कियों को अपनी शिक्षा जारी रखनी चाहिए। उनका कहना है कि शिक्षा से ही महिलाएं अपने पंखों को उड़ान दे सकती हैं। साथ ही उनका यह भी कहना है कि कई बार राह में कई सारी मुश्किलें आती हैं, लेकिन कभी भी किसी भी तरह के हालात के लिए डरना नहीं है। किसी भी विपरीत परिस्थितियों पर काबू पाने का यही तरीका है कि उसका पूरी हिम्मत के साथ सामना करना चाहिए। वह यह भी मानती हैं कि अगर आप कुछ भी हासिल करना चाहती हैं, तो हर तरह की बाधाओं के बाद भी आप उसे पा सकती हैं।

 

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