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खानपान

खम्मा घणी ! स्वादिष्ट दाल बाटी चूरमा अब घर पर भी बन सकती है, जानिए इसकी खास रेसिपी

टीम Her Circle |  अक्टूबर 31, 2023

दाल बाटी चूरमा को राजस्थान की खास डिश माना जाता है, इसे बेहद शौक से खाते हैं। लेकिन इसको बनाना इतना आसान भी नहीं होता है, लेकिन अगर सही तरीके से रेसिपी को फॉलो किया जाये तो इसे बनाना आसान हो सकता है, तो आइए जानते हैं, कैसे इसकी रेसिपी को फॉलो करना है। 

क्या है दाल बाटी 

दाल बाटी एक पारम्परिक राजस्थानी व्यंजन है, यह अपने बढ़िया स्वाद के लिए खाई जाती है और जानी जाती है, इसमें बाटी को पंचमेल दाल के साथ घी में डुबो कर और लहसून की चटनी और साथ में चूरमा के साथ परोसा जाता है, खास बात यह है कि अगर पारम्परिक तरीके की बाटी की बात की जाए, तो लकड़ी के कोयले के ऊपर इसे सेंका जाता है, लेकिन घर पर जाहिर सी बात है कि ऐसी बाटी बनाना मुश्किल है। हालांकि घर पर ओवन या तंदूर का उपयोग करके इसे बनाया जा सकता है, बाटी को कई लोग तेल में ताल कर भी बना लेते हैं। 

वॉर फूड और एक गलती का नतीजा है ये डिश 

राजस्थान में दाल, बाटी और चूरमा बेहद शौक से खाया जाता है। दरअसल, दाल बाटी चूरमा के बारे में ऐसा माना जाता है कि इसको खाने की परम्परा राजस्थान में मेवाड़ साम्राज्य के संस्थापक बप्पा रावल के शासनकाल के दौरान हुई थी। दरअसल, उस समय बाटी को वॉर फूड यानी कि युद्ध के दौरान खाए जाने वाले भोजन के रूप में देखा जाता था। लेकिन बाद में इसे रॉयल और राजसी ठाट वाला भोजन मान लिया गया। दरअसल, ऐसी भी कहानी कही जाती है कि जब युद्ध हो रहा था, तबजंग के मैदान में डटे राजपूत लोग युद्ध के लिए जाने से पहले गुंथे हुए आटे को रेत में दबा कर छोड़ देते थे, ताकि सूरज की चिलचिलाती धूप से रेत में रखे आटे पककर तैयार हो जाएं, फिर इसे आराम से खाया जा सके। इसके बाद वे इन पकी हुई बाटियों को खोदकर निकालते थे, लेकिन बाद में इसे दाल और चूरमा के कॉम्बिनेशन के साथ परोसा जाने लगा। वहीं पंचमेवा दाल के बारे में कहा जाता है कि गुप्त साम्राज्य के व्यापारी मेवाड़ में बसे और उन्हें बाटी के साथ दाल का कॉम्बिनेशन अच्छा लगा था। तबसे उनके बीच यह लोकप्रिय हो गया। शाही दरबार में यह काफी पसंद की जाने वाली दाल थी। इस दाल की खासियत है कि इस दाल का छौंका काफी पसंद किया जाता है, इसमें जीरा, लौंग, सूखी लाल मिर्च और अन्य मसालों के तड़के वाली पांच दाल का एक सरल और पौष्टिक मिश्रण है। साथ ही अगर बात करें तो चूरमा एक गलती से सही बनने वाली चीज है, जी हां, इसके बारे में लोग मानते हैं कि गलती से मेवाड़ के गुहिलोट के रसोइए ने कुछ बाटियों पर गन्ने का रस डाल दिया था। लेकिन इससे हुआ यह कि बाटी नरम हो गई तो कबीले की महिलाओं ने इसे नरम और ताजा रखने के लिए गन्ने या गुड़ से बना पानी बाटियों को डुबोना शुरू कर दिया।

दाल की रेसिपी 

सबसे पहले जानने की कोशिश करते हैं कि दाल की रेसिपी को कैसे तैयार करना है। आइए जानें विस्तार से। 

सामग्री 

पांच दाल - चना दाल, मसूर दाल, उड़द दाल, अरहर दाल और मूंग दाल -1 कप 

गेहूं का आटा-250 ग्राम

प्याज-1 

टमाटर-1 

हरी मिर्च-2 

जीरा-1 चम्मच

मीठी नीम की पत्ती-1 चम्मच 

लहसुन-4 जवा

हींग-1 चुटकी

लाल मिर्च पाउडर-1/2 चम्मच 

गरम मसाला-1/2चम्मच

जीरा पाउडर-1 छोटा चम्मच 

धनिया पाउडर-1 चम्मच 

हल्दी पाउडर-1 चम्मच 

कसूरी मेथी-1 चम्मच

कश्मीरी मिर्च-1/4 चम्मच 

खाने वाला सोडा - चुटकी भर

अजवाइन -थोड़ी सी  

घी- जरूरत के अनुसार

चीनी पाउडर -तीन चम्मच 

ड्राई फ्रूट्स  

विधि 

आपको दाल बनाने के लिए सबसे पहले छिलके वाली सारे दालों को 1 घंटे पहले पानी में भिगो लेना है, उसके बाद उसे साफ करके एक कुकर में दो गिलास पानी डाल लेना है, फिर उसमें दाल को डाल देना है। अब इसमें एक चम्मच हल्दी और एक चम्मच नमक डालकर प्रेशर लगा देना है। अब दो सीटी बजने के बाद गैस को बंद कर देना है। अब आपको एक कड़ाही चढ़ा लेना है, फिर उसमें दो चम्मच देसी घी डाल लेना है और फिर उसमें हींग और जीरा से तड़का देना है, साथ ही इसमें प्याज काट कर डाल लेना है, फिर इसमें हरी मिर्च, अदरक और लहसुन को काट कर डाल लेना है और फिर मीठी नीम की पत्ती भी डाल लेनी है और जब तक प्याज, गुलाबी हो जाए, उसमें टमाटर डाल दें, आधा कप पानी डाल दें, फिर इस बात का ध्यान रखें कि टमाटर गले, उसके लिए लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला, हल्दी, नमक, धनिया पाउडर, जीरा पाउडर, और कश्मीरी लाल मिर्च भी डाल दें, फिर कुछ देर उससे अच्छे से भुनने के बाद पके हुए मूंग के दाल को डालें, फिर उसमें ऊपर से देसी घी डाल दें। आपकी दाल बन गई है। 

बाटी की रेसिपी 

बाटी बनाना भी बेहद जरूरी है कि वह सॉफ्ट यानी वो मुलायम बने, इस बात का खास ख्याल रखना जरूरी है, इसके लिए आपको आटा एक बडे़ कटोरे में लेना होगा।  उसमें एक चम्मच अजवाइन एक चम्मच नमक एक चम्मच सूखा धनिया पाउडर डालें। और चार चम्मच देसी घी, एक चौथाई चम्मच मीठा सोडा डालें और आटे को खूब अच्छे से मिला ले उसके बाद गुनगुने पानी से पूडी़ के जैसा आटा गूंथ लें। अब इसके बाद, आपको कड़ाही को गैस पर बिना कुछ डाले, 10 मिनट पहले गर्म होने दें, फिर कड़ाही गर्म होने के बाद, उसमें एक कटोरी या रिंग रखकर उसके ऊपर एक जाली वाली प्लेट रख लेना है और फिर आपने जो गूंथ कर आटा रखा है, इसके छोटी-छोटी बाटी बनाकर जाली के ऊपर रख लेना है, फिर इसे धीमी आंच पर पकाएं। आधे घंटे बाद आप चेक करें, अगर बाटी का रंग सुनहरा हो गया है, तो बाटी तैयार है। 

चूरमा की रेसिपी

चूरमा को बाटी को ही चूर करके बनाया जाता है। आइए जानें इसे कैसे बनाते हैं। 

विधि 

चूरमा बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में सेंकी हुई तीन चार बाटी को ले लेना है, फिर उसे तोड़कर छोटा-छोटा कर लेना है। इसके बाद बाटी को मिक्सी में अच्छे से पीसकर एकदम बारीक कर लेना है। अब पिसी हुई बाटी में तीन चम्मच चीनी पाउडर, थोड़े से कटे हुए मेवा और 2 बड़े चम्मच देसी घी डालकर सारे चीजों को अच्छे से मिला लेना है और बस आपका दाल बाटी चूरमा के लिए चूरमा बनकर तैयार है।

परोसने का तरीका

दाल बाटी को सिर्फ बनाने का नहीं, बल्कि परोसने का भी एक खास तरीका होता है, इसके लिए, आपको दाल बाटी चूरमा के लिए एक थाली लें, सबसे पहले।  फिर उसमें एक कटोरी में दाल, एक कटोरी में चूरमा, बाटी को देसी घी में डुबोकर थाली में रख लेना है। अब इसे अच्छे से पारम्परिक स्टाइल में परोस दें।

 

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