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संस्कृति

सोशल मीडिया के दौर में पारंपरिक खेलों का अस्तित्व में रहना है जरूरी

अनुप्रिया वर्मा |  अगस्त 29, 2023

वर्तमान दौर में बच्चे अमूमन हाथों में फोन लिए ही नजर आते हैं, उन्हें लूडो से लेकर क्रिकेट तक अब सिर्फ तकनीकी पिच पर ही खेलना भाता है। ऐसे में जाहिर सी बात है कि कई ऐसे पारंपरिक खेल हैं, जिनके बारे में उन्हें न सिर्फ जानना चाहिए, बल्कि उन्हें बाहर खेलने के लिए भी प्रेरित करना चाहिए। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि बच्चे कम उम्र से ही शारीरिक गतिविधि न करने के कारण अस्वस्थ रहने लगे हैं। सो, आइए इसके बारे में विस्तार से जानें कि क्यों पारंपरिक खेलों का जिंदगी में बने रहना और खेलना जरूरी है। 

क्या कहता है विश्व स्वास्थ्य संगठन

हर दिन होती है शारीरिक गतिविधि 

गौर करें तो शारीरिक खो-खो, कबड्डी, लुका-छुप्पी,  दौड़ या पिट्टो और ऐसे कई खेल हैं, जिनमें आपको खूब भागदौड़ करनी होती है। इससे शारीरिक थकान होती है और जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छी बात है, इसके बाद दिन भर में आपने अगर अधिक काम नहीं भी किया है, तो आपका वर्कआउट हो जाता है। 

मेल-जोल बढ़ता है

जब आप अन्य बच्चों के साथ खेलना शुरू करते हैं या  करती हैं, तो आपका दायरा बढ़ता है, आपका ह्यूमन इंटरेक्शन यानी एक इंसान की दूसरे इंसान से बातचीत शुरू होती है और फिर मिलना-जुलना आपस में बढ़ता है। फिर ऐसे ही आपकी नेटवर्किंग बढ़ती है और आप आगे चल कर लोगों से बातचीत करने में हिचकते नहीं हैं। सो, बच्चों को पारंपरिक तरीके से जोड़ कर रखना बेहद सही तरीका होता है। 

टीम स्पिरिट 

एक और चीजें जो आप पारम्परिक खेलों को खेलते हुए सीख सकती हैं या आपके बच्चे सीखेंगे, वह है टीम के साथ कैसे काम किया जाता है, किस तरह से टीम स्पिरिट में काम किया जाता है, किस तरह से एक दूसरे की खूबियों और कमियों को देखते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की जाती है। अलग-अलग मिजाज के लोगों के साथ कैसे काम किया जाता है, इसकी सीख आपको छोटे स्तर से मिलने लगती है और फिर आगे चल कर आपके विकास के लिए यह बेहद खास बात हो जाती है। 

दिमागी कसरत 

भारत में खेले जाने वाले जो पारम्परिक खेल हैं, वे कहीं न कहीं, काफी दिमाग लगा कर, अपनी सूझ-बूझ के इस्तेमाल से खेले जाते हैं, ऐसे में बच्चों के लिए ऐसे खेल खेलना उनका न सिर्फ शारीरिक रूप से कसरत करने के लिए प्रेरित करता है, बल्कि दिमागी रूप से भी कसरत करवाता है।

क्रिएटिविटी और कॉम्पटीशन

यह भी एक खास बात है कि बच्चे जब आउटडोर में जाकर गेम खेलना शुरू करते हैं, तो अपनी क्रिएटिविटी को भी दर्शाते हैं, वे नए-नए ट्रिक्स सीखते हैं, साथ ही उनमें एक हेल्दी कॉम्पटीशन वाली भावना भी जागृत होनी शुरू होती है, खेल के कई सारे स्टेप्स खेलने पर आप बहुत कुछ सीख पाते हैं।

 

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