वेतन यानी कि आपके मेहनत की कमाई और इसे निवेश करने के लिए आपके पास एक सही तरीके की योजना होनी जरूरी है। वेतन को निवेश करने के लिए आपके पास सबसे बड़ी जिम्मेदारी आती है, खर्च करने की। जी हां, खर्च और निवेश दोनों ऐसी चीज हैं, जो कि एक दूसरे से पूरी तरह से जुड़े हुए हैं और आपको इन दोनों को संभालते हुए अपने वेतन को लेकर एक सही प्रक्रिया करनी जरूरी है। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे आप अपने वेतन का सही निवेश कर सकती हैं।
निवेश को लेकर सजग रहना जरूरी है
वेतन के निवेश के लिए आपको सावधानी और सजगता को बरकरार रखना जरूरी है। वेतन के दौरान हर कोई अपनी कमाई से निवेश जरूरी करता है और जो भी व्यक्ति जल्द ही निवेश की योजना नहीं बनाता है, उसे भविष्य में अपने आर्थिक सुरक्षा को लेकर काफी सोच-विचार करना होता है। ऐसे में वेतन को लेकर यह सवाल सबसे पहले आता है कि आपको कहां पर और कितना निवेश करना है। देखा जाए, तो बाजार में कई तरह की स्कीम मौजूद है, साथ ही निवेश के लिए कई तरह के पर्याय भी मौजूद हैं। ऐसे में निवेश के लिए सुविधा भी मौजूद है और साथ ही दुविधा भी आ जाती है कि कहां पर आपके लिए अपनी कमाई को निवेश करना सही होगा। क्योंकि वेतन के निवेश से जुड़ा हुआ फैसला आपके भविष्य की इमारत को खड़ा रखने में अहम भूमिका निभाता है। जानकारों का मानना है कि वेतन के साथ आपको खर्च और निवेश को तराजू के दोनों सिरे पर एक बराबर रखना होगा। आपको अपने वेतन का आधा खर्च में लगाना होगा और आधा पैसा आपको निवेश करना होगा, लेकिन कई बार आधे बचाए हुए पैसे से भी आपको अपनी जरूरतों का ध्यान रखना जरूरी होता है। ऐसे में अपनी कमाई का 20 प्रतिशत हिस्सा जरूरी किसी न किसी तरीके से निवेश करें।
निवेश के लिए रास्ते कई सारे जानें कौन-कौन से?
अपने वेतन के निवेश के लिए आप कई जरिए को अपना सकती हैं। इसके लिए पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि योजना, म्यूचुअल फंड, एलआईसी पॉलिसी, एफडी और पोस्ट ऑफिस की कई तरह की स्कीम मौजूद है। आपको अपनी जरूरत को कम और ज्यादा देखते हुए आपको निवेश करना चाहिए। आप अपने वेतन को कभी-भी एक जगह सिर्फ निवेश न करें, बल्कि अलग-अलग जगह पर अपने वेतन के पैसों से निवेश करें। इससे आपका पैसा सुरक्षित रहता है और लाभ के कई सारे मार्ग खुलते हैं। यह जान लें कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड में ब्याज दर अच्छा मिलता है। कई जानकारों का कहना है कि अगर आपकी साल भर की कमाई टैक्सेबल है, तो इक्विटी सेविंग स्कीम्स में भी निवेश स्कीम है। इस स्कीम में 80 फीसदी तक इक्विटी में निवेश किया जाता है। इस निवेश में अवधि ज्यादा होने के साथ नेगेटिव रिटर्न की संभावना कम हो जाती है।
फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश और रेकरिंग अकाउंट
यह दोनों स्कीम भी आपके वेतन को निवेश तक पहुंचाने में बहुत सहायक होती है। साथ ही बना किसी तरह के आर्थिक खतरे के कारण फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करना हमेशा फायदेमंद होता है। साथ ही आपको पांच साल की एफडी पर टैक्स की भी छूट अच्छी तरह से मिलती है, हालांकि यह बैंक पर भी निर्भर करता है कि वह आपको आपकी एफडी पर कितने पैसे बढ़ाकर कितनी अवधि के लिए वापस देता है, फिर भी आपको अपने जमा किए हुए एफडी के पैसे पर 6 से लेकर 8 प्रतिशत का रिटर्न आसानी से मिल जाता है। इसके अलावा, आप अपने बैंक से रेकरिंग अकाउंट भी शुरू करवा सकती हैं। इसका यह फायदा होता है कि हर महीने आप अपने वेतन से कम से कम 1000 और ज्यादा से ज्यादा कितना भी पैसे बैंक खाते से कटवा सकती हैं। इसका यह फायदा होगा कि हर महीने की तय की गई तारीख पर आपके खाते से पैसा कटता है और वह आपके ही बैंक अकाउंट में सुरक्षित होता जाता है। 6 महीने से लेकर 2 या 5 साल के लिए आप रेकरिंग अकाउंट शुरू करवा सकती हैं। इससे आपको तय किए हुए समय सीमा के बाद अच्छा पैसा रिटर्न रेंट के साथ वापस मिलता है।
आपके भविष्य के लिए इमरजेंसी फंड भी जरूरी
आपको अपने वेतन से इमरजेंसी फंड भी बनाना होगा। आपके भविष्य की आपातकालीन स्थितियों को संभालने के लिए आपके लिए पैसे से जुड़ी सुविधा और सुरक्षा गार्ड का होना जरूरी है। आप इसे लेकर किसी आर्थिक जानकार की सहायता ले सकती हैं, जो कि आपका अच्छी तरह से मार्गदर्शन करता है। आपको अपने लिए बीमा वित्तीय योजना को भी लागू करना चाहिए। जीवन बीमा में निवेश आपको चिकित्सा से जुड़ी हुई वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। साथ ही हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए आप अपने वर्तमान और भविष्य के मेडिकल खर्चों को भी सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं। यह बेहद जरूरी है कि आप अपने वित्तीय लक्ष्य को जरूर बनाएं और उसी के आधार पर अपने खर्च और निवेश की पूरी प्लानिंग करें। आपके पास बाजार में कई सारे ऐसे पर्याय हैं जिससे आप निवेश की गाड़ी में खुद के वेतन को सुरक्षित बिठा सकती हैं।
टैक्स को भी समझना जरूरी
वेतन के साथ निवेश को जोड़ने से पहले आपके लिए यह समझना जरूरी है कि टैक्स आपकी कमाई को कैसे प्रभावित करती है। आपको अपने वेतन में से खर्च और टैक्स की रकम निकालने के बाद ही आप अपने पैसे को निवेश करने के बारे में सोच सकती हैं। घर खरीदने की योजना भी इस तरह एक बड़ा कदम है। घर खरीदने की योजना के साथ आप एक तरफ जहां अपने भविष्य को सुरक्षित करते हुए प्राॅपर्टी में अच्छा निवेश करती हैं, वहीं अगर आप बैंक से होम लोन लेकर घर खरीद रही हैं, तो आप टैक्स में भी छूट पा सकती हैं। यह माना गया है कि निवेश करने का फैसला आसान नहीं होता है, खास तौर पर अगर आप प्राॅपर्टी लेने की योजना बनाती हैं, तो इसके लिए आपको सोच-समझकर फैसला लेना होगा। साथ ही किसी भी तरह के छोटे और बड़े निवेश के लिए आपके पास पूरी जानकारी होनी चाहिए। आपके लिए यह समझना जरूरी है कि आपको किसी भी तरह का कोई खतरा निवेश को लेकर नहीं लेना है।
किसी की सलाह आपके लिए जरूरी
अपने वेतन को निवेश करने के लिए आपके लिए सबसे जरूरी है कि आप किसी जानकार की सलाह लें। आप ऐसे किसी व्यक्ति की सलाह लें, जो आपके वेतन में से कब और कितना खर्च करना है और कैसे आपको निवेश की तरफ आगे बढ़ना चाहिए, जैसी निवेश से जुड़ी कई सारी जानकारी आपको दे सकें। बाजार में कई सारे वित्तीय सलाहकार मौजूद हैं, जो आपके निवेश को लेकर आपका मार्गदर्शन अच्छी तरह से करते हैं। किसी जानकार की सहायता से आप निवेश को लेकर किसी भी प्रकार की दुविधा में नहीं रहेंगे। एक सही जानकार आपको अनचाहे खतरे से भी बचाएगा, जिसका सामना आपको कई बार निवेश की राह पर भी करना पड़ता है। इसलिए निवेश के लिए हमेशा कोई भी फैसला अकेले न लें। जांच और परखने के बाद ही अपने वेतन की कमाई को खर्च भी करें और फिर उससे जुड़ा हुआ निवेश भी करें।