चेहरे की त्वचा का सही तरीके से ध्यान रखने के लिए आयुर्वेद एक बड़ा माध्यम है। इसके लिए आप आयुर्वेद के सहारे अपनी चेहरे की त्वचा का ध्यान लंबे समय के लिए रख सकती हैं, हालांकि आपको यह ज्ञात होना चाहिए कि ऐसे कौन से आयुर्वेदिक उपाय हैं, जो कि चेहरे की त्वचा के लिए कारगर साबित हो सकती है। नानी और दादी के जमाने से आप यह सुनती आ रही होंगी कि चेहरे की त्वचा को साफ रखने के लिए बेसन एक अच्छा उपाय है, इससे चेहरे की त्वचा पर जमी हुई मिट्टी निकल जाती है और चेहरे पर कुदरती निखार आता है। वक्त के साथ वक्त की कमी होने के कारण हम सभी ने स्किनकेयर के लिए आयुर्वेदिक उपचार के रास्ते से खुद को अलग कर लिया है। कई बार हम इस बात से अनजान होते हैं कि कौन-सा उपचार हमारे चेहरे की त्वचा के लिए सही होगा। आइए विस्तार से जानते हैं कि कैसे आप आयुर्वेदिक उपचार के जरिए अपने चेहरे की त्वचा का सही तरीके से ध्यान रख सकती हैं।
आयुर्वेद प्राचीन उपचार
आयुर्वेद का सहारा लेकर खुद को रोगों से दूर रखने का काम कई सालों से करता हुआ आ रहा है। आयुर्वेद उपचार एक प्राचीन अवधारणा है जिसकी उत्पत्ति पांच हजार साल पहले हुई थी। त्वचा की देखभाल के लिए और सेहत को अंदरूनी तौर पर स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेदिक उपचार ने लोकप्रियता भी हासिल की है। ऐसे कई सारे घरेलू आयुर्वेदिक तरीके हैं, जिससे आप अपने चेहरे की त्वचा का अच्छी तरह से ध्यान रख सकती हैं। आयुर्वेद शब्द का अर्थ यह माना गया है कि इसे जीवन का ज्ञान कहते हैं। इसी वजह से आयुर्वेदिक उपचार का उपयोग जीवन को संतुलित तरीके से बहाल करने के लिए किया जाता है। आयुर्वेदिक उपचार के जरिए शरीर को ऊर्जा मिलती है और शरीर के अंदर मौजूद दोषों को संतुलित करती है, इससे शरीर के साथ चेहरे की त्वचा को भी सही तरीके का स्किन केयर आपकी अपनाई गई जीवनशैली के जरिए मिलता रहता है।
स्किनकेयर के लिए आयुर्वेदिक लाभ
स्किनकेयर में आयुर्वेद का इस्तेमाल करते हुए आप अपने चेहरे में प्राकृतिक निखार ला सकती हैं। आयुर्वेद हमेशा से इस बात को बढ़ावा देता आया है कि एक सही तरीके की सुंदरता अंदरूनी तौर पर आती है। आयुर्वेद आपके शरीर के अंदर मौजूद दोषों में सुधार करते हुए आपके स्वास्थ को बेहतर बनाता है। जाहिर सी बात है कि शरीर दोष मुक्त रहेगा, तो इससे आपके चेहरे की त्वचा की भी देखभाल आसानी से होगी।
लंबे समय तक मिलने वाला परिणाम
चेहरे की त्वचा की देखभाल के लिए लंबे समय तक फायदा देने वाला उपचार ही काम आता है, जो कि आयुर्वेद से ही मिल सकता है। किसी भी अन्य तरह के उपचार से तुरंत समाधान प्रदान करने की बजाय आयुर्वेदिक उपचार आपके लिए जीवन भर संजीवनी का काम करता है। इसलिए आयुर्वेदिक उपचार के शुरुआती समय में आपको तुरंत फायदा होता हुआ नहीं दिखाई देगा, लेकिन आयुर्वेदिक उपचार से एक महीने लगातार प्रयास करने पर आपको जरूर इसका फायदा महसूस होने लगेगा।
आयुर्वेद में दोष पहचानकर होता है इलाज
आयुर्वेद में चेहरे की त्वचा से जुड़ी परेशानी हो या फिर किसी तरह की कोई अन्य परेशानी क्यों न हो, इसके लिए सबसे पहले दोष की जानकारी हासिल की जाती है। आयुर्वेद उपचार करने के लिए तीन तरह के दोष पर काम किया जाता है। सबसे पहले वात, फिर पित्त और कफ। इसी के आधार पर चेहरे की त्वचा का उपचार किया जाता है। आप यह जान लें कि वात दोष के कारण त्वचा सूखी हो जाती है और फटी हुई त्वचा दिखाई देती है। सर्दियों के मौसम में इसकी समस्या सबसे अधिक होती है। पित्त दोष होने से त्वचा पर झाइयां और अन्य तरह की परेशानियां दिखाई देती हैं। कफ दोष होने के कारण चेहरे की त्वचा ऑयली होने की समस्या होती है। आयुर्वेद में यह भी बोला जाता है कि आपके चेहरे की त्वचा की सेहत आपके खाने और पाचन प्रक्रिया पर भी निर्भर करती है।
आयुर्वेद से जानें त्वचा की समस्याओं के कारण
आयुर्वेद जानकारों का मानना है कि चेयरे की त्वचा में परेशानी आने के पीछे की वजह कई सारी होती है। सबसे पहले अनियमित समय पर भोजन लेना, अधिक मात्रा में तैलीय, मसालेदार, खट्टा भोजन करना, तनाव के स्तर में बढ़त इसके साथ धूल और गर्मी के संपर्क में सबसे अधिक रहना, अगर आने अपने जीवनशैली में किसी तरह का बदलाव किया है, तो इसका असर भी आपके चेहरे की त्वचा पर दिखाई देता है, भोजन में पोषण की कमी और हार्मोनल समस्याओं के कारण भी चेहरे की त्वचा कई तरह की अंदरूनी परेशानी से गुजरती रहती है। आयुर्वेद में आपके खान-पान की शैली को सुधारा जाता है, इसका असर आपकी चेहरे की त्वचा पर साफ तौर पर होता हुआ दिखाई देता है। पर्याप्त नींद, चिंता से दूर रहना, नियमित व्यायाम, भोजन में पोषण के स्तर को बढ़ाना और प्रदूषित वातावरण से खुद को दूर रखते हुए आप अपने चेहरे की त्वचा के साथ शरीर के स्वास्थ का भी अच्छी तरह से ध्यान रख सकती हैं। अगर आयुर्वेदिक उपचार में चेहरे की त्वचा की देखभाल करनी है, तो इसके लिए नीम, चंदन पाउडर, तुलसी, हल्दी, शहर और नींबू सबसे अधिक काम आते हैं। टमाटर का रस भी स्कीन केयर के लिए जरूरी बताया गया है। हालांकि चेहरे की त्वचा पर उपचार करने के लिए चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें।
स्किनकेयर में पानी का महत्व
आयुर्वेद पानी का बहुत अधिक महत्व है। अक्सर यह कहा जाता है कि स्किनकेयर के लिए पानी का सेवन बेहद जरूरी है, इससे आपके चेहरे की त्वचा साफ रहती है और उसे अंदरूनी तौर पर पोषण मिलता है। पानी का महत्व हमारे जीवन में सबसे अधिक है। आयुर्वेद में पानी को अमृत माना गया है। यह माना गया है कि खाना खाने से आधा घंटे पहले पानी पी सकती हैं और खाने के दौरान अगर जरूरत लगे, तो केवल एक या दो घूंट ही पानी पी सकती हैं। अगर आप खाना खाने के दौरान और उसके बाद पानी पीती हैं, तो खाने को पचने में तकलीफ होती है और इससे शरीर में मोटापा और अन्य तरह की बीमारी पैदा होती है। साथ ही फ्रीज का पानी सेहत के लिए सही नहीं माना गया है।
त्वचा की देखभाल के लिए आयुर्वेद
आयुर्वेद में स्किन केयर के लिए प्राकृतिक चीजों को सबसे बेहतर माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार फेसवॉश के तौर पर बेसन और मुल्तानी मिट्टी के साथ गुलाब जल या फिर एलोवेरा जेल को मिलाकर इस्तेमाल करना सबसे सही पर्याय माना गया है। इससे आपका चेहरा मुलायम रहता है और अंदरूनी तौर पर स्वस्थ रहता है, हालांकि केवल एक या दो दिन के इस्तेमाल में आपको इसका परिणाम देखने को नहीं मिलता है। लगभग 15 से 20 दिन इस प्राकृतिक फेसवॉश का उपयोग आपको करना होगा, तभी आपको लंबे समय के लिए फायदा मिलेगा। फेस के मसाज के लिए नारियल तेल के अलावा एलोवेरा जेल और बादाम के तेल को सबसे फायदेमंद माना गया है। उबटन का उपयोग भी आप अपने चेहरे को पार्टी के लिए तैयार करने के लिए कर सकती हैं। अगर आप नियमित तौर पर आयुर्वेद का सहारा लेते हुए प्राकृतिक पदार्थों का इस्तेमाल चेहरे की त्वचा के स्किनकेयर के लिए करती हैं, तो इसका फायदा आपको जरूरी मिलता है, लेकिन बिना आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के आपको किसी भी तरह का प्राकृतिक उपचार अपने स्किनकेयर के लिए नहीं करना चाहिए। चिकित्सक आपका मार्गदर्शन सही तरीके से करते हैं और फिर आपके चेहरे की स्किन की गुणवत्ता के आधार पर इलाज किया जाता है।